बाद में आस्ट्रेलियाई लोगों के आपत्ति करने के कारन इसका नाम बदलकर आक्रमण दिवस (इन्वेज़न डे) या ‘सर्वाइवल डे' के नाम से पुकारा गया।
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यूरोपीय लोगों के आने के इस दिन को वे मूल आदिवासी संस्कृति और प्रकृति के विनाश के रूप में मनाते हैं और 1938 में इसे शोक दिवस यानि ‘ डे ऑफ़ मौर्निंग ' कहकर पुकारा गया परन्तु लोगों के आपत्ति करने के कारण इसे बाद में आक्रमण दिवस ' इन्वेज़न डे ' या ‘ सर्वाइवल डे ' के नाम से पुकारा गया।